Wednesday, August 31, 2016

Poem written by Mumma.....!

काश कोई लौटा दे मुझे मेरी मुस्कान

इस दुनिया में आने से पहले
नाम दिया था तुझको मैंने...
देखकर तुझे ऐसा लगा था
मानो सब कुछ पा लिया हो मैंने ।
याद करती हूँ जब तेरा बचपन
साँसें थम जाती हैं मेरी...
कितनी चुलबुली और प्यारी थी तू
सब करते थे तारीफें तेरी ।
गुलाबी चेहरा,खूबसूरत आँखें
अनमोल हंसी,नटखट अंदाज़...
कभी रूठती,कभी मनाती
हर पल आती तू मुझको याद ।
हर काम शिद्दत से करती
सीखा नहीं तूने कभी हारना...
दिखावे की इस दुनिया में
सादगी था तेरा गहना ।
विद्याथी हो या वक्ता हो कलाकार या फिर कोई रिश्ता हो...
हर किरदार तूने बखूबी निभाया
छोटे से इस जीवन में
अपना एक मुकाम बनाया ।
बडी बडी ख्वाहिशें नहीं
छोटी छोटी खुशियाँ थी तेरे लिए खास...
हर किसी के दिल को छुआ तूने
और छोडा एक अमिट एहसास ।
तेरी माँ बनने का सौभाग्य मिला
तुझ पर था मुझको अभिमान...
शिकायत है उस रब से मुझे
छीन ली जिसने मेरी मुस्कान ।
अलमारी जब खोलती हूँ तेरी
तो टूट जाते हैं दिल के तार...
तेरे कपडों की खुशबू से
महसूस तुझे करती हूँ बार बार ।
आइसक्रीम,केक ,काॅफी और चाॅकलेट
कभी न आएँगे मुझको रास...
तेरे बिन जी न पाऊँगी
क्यों छोड़ गयी तू मुझको उदास ।
संघष॔ भरी जब दुनिया थी मेरी
खूब निभाया तूने साथ...
खुशियों का जब वक्त आया
तू छोड़ गयी मेरा हाथ ।
कभी नहीं करती थी तू
मुझसे पूछे बिना कोई काम...
फिर कैसे एक पल में चली गई
तू तोड़ कर मेरे सारे अरमान ।
सुबह जब आँख खुलती है मेरी
और तू दिखाई देती नहीं...
रो - रोकर तड़प जाती हूँ
याद तेरी दिल से जाती नहीं ।
धड़कनें रुक सी गई हैं
ज़िन्दा हूँ पर जान नहीं...
कैसे यकीन दिलाऊँ खुद को
कि तू अब मेरे पास नहीं ।
"जब चोट कभी मेरे लग जाती थी,तो आँख तेरी भर आती थी"
सुनती हूँ जब तेरा रिकाॅड॔ किया वो गाना...
सिहर उठती हूँ दद॔ से तेरे
याद आता है जो उस दिन
सुबह देखा था मैंने सपना ।
दिल को बहलाती हूँ यह कहकर
कि तेरी आत्मा मेरे साथ है...
मर के भी तुझे अब न मिल पाऊँगी
इस बात का मलाल है ।
ताकत थी तू मेरी
खो चुकी हूँ मैं अपना आत्मविश्वास...
जो छोड़ गई तू मुझको
कर रही हूँ बस मौत का इंतज़ार ।
जानती हूँ तू निकल पड़ी है
किसी और की दुनिया बनाने खास...
सिफ॔ एक बार अपना चेहरा दिखा दे
तू आ जा बैठ मेरे पास ।

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